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Tuesday, 29 October 2013


माँ सरस्वती

 केशव  आदर्श  विद्या  मंदिर (  मा.वि)   समदड़ी    आजादी कहें   या स्वतंत्रता ये ऐसा शब्द है जिसमें पूरा आसमान समाया है। आजादी एक स्वाभाविक भाव है या यूँ कहें कि आजादी की चाहत मनुष्य को ही नहीं जीव-जन्तु और वनस्पतियों में भी होती है। सदियों से भारत अंग्रेजों की दासता में था, उनके अत्याचार से जन-जन त्रस्त था। खुली फिजा में सांस लेने को बेचैन भारत में आजादी का पहला बिगुल 1857 में बजा किन्तु कुछ कारणों से हम गुलामी के बंधन से मुक्त नही हो सके। वास्तव में आजादी का संघर्ष तब अधिक हो गया जब बाल गंगाधर तिलक ने कहा कि “स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है” 

अनेक क्रांतिकारियों और देशभक्तों के प्रयास तथा बलिदान से आजादी की गौरव गाथा लिखी गई है। यदि बीज को भी धरती में दबा दें तो वो धूप तथा हवा की चाहत में धरती से बाहर आ जाता है क्योंकि स्वतंत्रता जीवन का वरदान है। व्यक्ति को पराधीनता में चाहे कितना भी सुख प्राप्त हो किन्तु उसे वो आन्नद नही मिलता जो स्वतंत्रता में कष्ट उठाने पर भी मिल जाता है। तभी तो कहा गया है कि 

पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं 

सचिव   रामस्वरूप  सारस्वत



Tuesday, 8 October 2013

Independence Day Celebrations, 2013 -



Today on 15th August 2013 India is celebrating its 67th Independence Day, and we Indians are proud to say we have owned our freedom 67 years old back. As we gather here today I take the opportunity to congratulate every student and teacher of this School  

पूरे देश में अनूठे समर्पण और अपार देशभक्ति की भावना के साथ स्‍वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
राष्‍ट्रपति द्वारा स्‍वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्‍या पर 'राष्‍ट्र को संबोधन' दिया जाता है। इसके बाद अगले दिन दिल्‍ली में लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है। राज्‍य स्‍तरों पर हम विशेष स्‍वतंत्रता दिवस समारोह देखते हैं, जिसमें झण्‍डा आरोहण समारोह, सलामी और सांस्‍कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये आयोजन राज्‍य की राजधानियों में किए जाते हैं और आम तौर पर उस राज्‍य के मुख्‍य मंत्री कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हैं। छोटे पैमाने पर शैक्षिक संस्‍थानों में, आवासीय संघों में, सांस्‍कृतिक केन्‍द्रों तथा राजनैतिक सभाओं में भी इनका आयोजन किया जाता है।

Farewell 2016